-->

  • keep Alert Bank Account Hacked

    वायरस और स्पाईवेयर से चोरी हो रहीं सूचनाएं, हैकर खंगाल रहे बैंक एकाउंट, ऐसे करें बचाव 


    अगर आपके कंप्यूटर पर किसी वायरस या स्पाइवेयर ने कब्जा कर रखा है, तो समझिएं आपका डेटा असुरक्षित है. आपकी निजी सूचनाएं चोरी हो सकती हैं. क्योंकि, कुछ वायरस और स्पाइवेयर न सिर्फ आपके कंप्यूटर  के डेटा और निजी सूचनाएं चुरा कर अपने संचालकों तक भेजते हैं, बल्कि आपके  संपर्क में मौजूद दूसरे लोगों तक अपनी प्रतियां पहुंचा देते हैं. कभी  इंटरनेट, कभी इ-मेल, तो कभी लोकल नेटवर्क के माध्यम. निजी सूचनाएं चोरी हुई, तो बैंक एकाउंट भी हैक हो सकता है. पटना में इस तरह की घटना भी हो चुकी है. न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी के निवासी राकेश कुमार टेलीकॉम  सेक्टर में काम करते हैं.

    15 मई, 2017 को  राकेश के क्रेडिट कार्ड से तीन बार  ट्रांजेक्शन किया गया. जब मैसेज आया, तब उन्हें अपना एकाउंट हैक होने की जानकारी हुई. हैकरों ने 5,537 डॉलर उड़ा दी. हैकरों ने ये पैसे होटल का बिल चुकाने और कपड़े खरीदने में खर्च किये. राकेश ने तत्काल बैंक को सूचना दी और अपना कार्ड ब्लॉक करवा दिया. इस मामले में पाटलिपुत्र थाने में अज्ञात  के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. लेकिन, अब तक इसका खुलासा नहीं हो सका है.

    कानूनी और नैतिक जिम्मेवारी से बच नहीं सकते : जिन  लोगों के कंप्यूटर में वायरस या स्पाइवेयर पहुंचा, समझिएं  आप अपने कंप्यूटर और डेटा की असुरक्षा के साथ-साथ साइबर क्राइम में भी फंस सकते हैं. हो सकता है आप अनजाने में साइबर क्राइम में भागीदार बन रहे हों. ऐसे मामलों में आप अपनी कानूनी और नैतिक जिम्मेवारी से बच नहीं सकते.

    ★ क्या न करें : कुछ लोग अपने दोस्तों और साथियों के इ-मेल अकाउंट, फेसबुक वगैरह का पासवर्ड ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं और कभी-कभी सफल भी हो जाते हैं. हो सकता है, आप महज मौज-मस्ती या मजाक के लिए ऐसा कर रहे हों, लेकिन किसी का पासवर्ड हासिल कर उसके खाते में लॉग-इन करते हैं, तो आप साइबर क्राइम कर रहे हैं. यह खाता इ-मेल, सोशल नेटवर्किंग, वेबसाइट, ऑनलाइन स्टोरेज सर्विस, इ-कॉमर्स साइट, इंटरनेट-बैंकिंग जैसा हो सकता है.

    ★ क्या करें : कंप्यूटर में अच्छा एंटी वायरस, एंटी स्पाइवेयर और फायरवॉल जरूर लगवाएं.  ये सिर्फ आपकी साइबर सुरक्षा के लिहाज से ही जरूरी नहीं है बल्कि इसलिए भी है कि कहीं आप अनजाने में कोई साइबर अपराध न कर बैठें.

    धारा 72 के तहत हो सकते हैं दोषी : किसी की प्राइवेसी में सेंध लगाने पर आप डेटा प्रोटेक्शन कानून के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 72 के तहत दोषी करार दिये जा सकते हैं.
  • 0 comments:

    Post a Comment

    For Any Tech Updates, Hacking News, Internet, Computer, Technology and related to IT Field Articles Follow Our Blog.