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  • The world's most popular search engine, Google, was fined by millions, complaining to CCI

    दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन Google पर लगा करोड़ों का जुर्माना, CCI को मिली थी शिकायत



    दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने लगभग 136 करोड़ का जुर्माना लगाया है. खबरों की मानें तो आयोग ने गूगल को यह जुर्माना लगाने के लिए 60 दिन का समय दिया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ये जुर्माना सर्च रिजल्ट्स में भेदभाव करने के लिए लगाया गया है. जुर्माने के कुल रकम 135.86 करोड़ रुपये है. गूगल पर आरोप है कि वेबसर्च और ऑनलाइन सर्च एडवर्टाइजिंग मार्केट्स में वह अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल कर रहा है.

    यह जुर्माना भारतीय क्षेत्र में गूगल के राजस्व के आधार पर लगाया गया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल के खिलाफ यह आदेश मेट्रोमनी डॉट कॉम लिमिटेड और कंज्यूमर यूनिटी और ट्रस्ट सोसाइटी द्वारा 2012 में दी गई शिकायत के आधार पर लगाया है.


    भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के मुताबिक गूगल के इस कदम से प्रतिस्पर्धियों और यूजरों को नुकसान हो रहा है. इससे पहले जांच में सहयोग न करने के लिए भी सीसीआई गूगल पर एक करोड़ रु का जुर्माना लगा चुका है.भारत के बाहर भी गूगल पर इस तरह का मामले चल रहे हैं. कुछ समय पहले यूरोपीय संघ ने गूगल पर आरोप लगाया था कि वह अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि गूगल इससे इनकार करता रहा है.

    यूरोपीय संघ (ईयू) ने गूगल पर लगाया 17 हजार करोड़ का जुर्माना 


    जून 2017 में सर्च इंजन में तकनीकी हेराफेरी करने के आरोप में यूरोपीय संघ (ईयू) ने गूगल पर 2.4 अरब डॉलर का (करीब 17,000 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था. गूगल के लिए यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा था. कंपनी पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी झेल रही थी. कंपनी पर भरोसे के हनन के लिए यह जुर्माना लगाया गया था. यूरोपीय प्रतिस्पर्धा आयोग की सख्त फैसले लेने वाली प्रमुख मार्गे्ट वेस्टेगर ने कहा था कि गूगल ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन के रूप में अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग किया और अपनी ही शॉपिंग सेवा को गैरकानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया.

    वेस्टेगर ने बयान में कहा था, "गूगल ने जो किया है वह ईयू के एंटीट्रस्ट नियमों के खिलाफ है. इसने अन्य कंपनियों को पात्रता के आधार पर प्रतिस्पर्धा और नवोन्मेषण से रोका." इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि कंपनी ने यूरोप के उपभोक्ताओं को सेवाओं के उचित विकल्प और नवोन्मेषण के पूर्ण लाभ से वंचित किया. इस तरह के मामलों में यह जुर्माना एक रिकॉर्ड है. इससे पहले अमेरिकी चिप कंपनी इन्टेल पर 1.06 अरब यूरो का जुर्माना लगाया गया था. करीब एक साल पहले वेस्टेगर ने दुनिया और अमेरिका को झटका देते हुए आईफोन कंपनी एपल को आयरलैंड में 13 अरब यूरो के कर के पुनर्भुगतान का आदेश दिया था.

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